सब रंग तुम्हारे संग सखे,

तुम यौवन बन छाये मुझपे,
गाते मल्हारी राग सखे,
तुम सावन बन बरसे मग में,
' सिखलाया अनुराग सखे,
जीवन की तुम्ही उमंग सखे
सब रंग तुम्हारे संग सखे |

जीवन जब लगता रसविहीन,
भावों पर जब सूखापन हो,
पुष्पों से लेकर तुम पराग,
जाने कब बरसा जाते हो,
कर देते मुझको दंग सखे
सब रंग तुम्हारे संग सखे |

तुमने मेरा मन पाया है,
मेरा अंतरतम जाया है,
सुख या दुःख मात्र नहीं तुमने,
सम्पूर्ण मुझे अपनाया है,
तुम मेरा ही हो अंग सखे |
सब रंग तुम्हारे संग सखे |

-18th of May, 2007
{This one is for the Bestest Best Friend in the world...Love you Dear...Truly...Deeply...Madly...}
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