समर्पित भावना सी तुम हो,
मैं संबंध हूँ निष्प्राण सा |
सुमंगल कामना सी तुम हो,
और मैं हूँ कलंकित प्यार सा |
सनेही लेप सी तुम हो,
और मॆं व्याधिहीन विकार सा |
सुखद आलिंगनों सी तुम हो, 
और मॆं प्राणघातक वार सा |
मधुमयी बैन सी तुम हो, 
और मॆं अनकहे उद्गार सा |
सुकोमल पंखुड़ी सी तुम हो,
और मॆं धधकते अंगार सा |
विजय परचम सी तुम स्वच्छंद हो,
और मॆं विवश हूँ हार सा |
सुनहरी भोर सी तुम हो, 
और मॆं उनींदे संसार सा |
प्रिये! इक दिन तो ऐसा हो,
बनूँ मॆं जब तेरे अनुसार सा |
-11th June, 2010