अपनी साँसों से कोई सी दे मेरा चाक बदन,
नर्मी--लब से मिटा जाए कलेजे की चुभन |
देखे आंखों में मेरी यूँ की करार जाए,
खुशबुएँ इतनी बिखेरे कि सँवर जाए सुखन |
-1st of October, 2007
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