बीते आँसू, बीती आहें,
बीते शिकवे, दर्द, कराहें...
ना बीती यह रात,
बहुत लम्बी हो जैसे...|||
मिला जो उनका साथ,
तो फिर क्या बात...
कि उनकी आँखों-आँखों,
बीत गयी हर रात,
बहुत छोटी हो जैसे...|||
3rd of August, २००५
{बहुत नर्मी है इन शब्दों में...बहुत सादा-अंदाजी | शायद इसलिये यह पहले तो हमें ज़रा कम पसंद था, मगर अब, कुछ अच्छा सा लगने लगा है | }
बीते शिकवे, दर्द, कराहें...
ना बीती यह रात,
बहुत लम्बी हो जैसे...|||
मिला जो उनका साथ,
तो फिर क्या बात...
कि उनकी आँखों-आँखों,
बीत गयी हर रात,
बहुत छोटी हो जैसे...|||
3rd of August, २००५
{बहुत नर्मी है इन शब्दों में...बहुत सादा-अंदाजी | शायद इसलिये यह पहले तो हमें ज़रा कम पसंद था, मगर अब, कुछ अच्छा सा लगने लगा है | }