चलो भाई शुरू किया जाये ।।।
रण-निमन्त्रण
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“घन और भस्म विमुक्त भानु- कृशानु-सम शोभित नये
अज्ञातवास समाप्त करके प्रकट पाण्डव हो गये ,
होकर कुमतिवश कौरवों ने प्रबलता की भ्रान्ति से
रण के विना देना न चाह...
8 years ago