आज मौजू नहीं मिलता था कोई मिसरे का,
बस इसी सोच में यह शेर लिख दिया हमने |
-08th of February,2001
{I am very fond of this one.Somethings just can't get any better.This one is also just too perfect.Love this couplet.}
{अब मौजू अर्थात 'विषय' or 'Topic',
और मिसरा के मानी होते हैं 'किसी भी अश्-आर(शेर) की एक पंक्ति' i.e. 'One of the lines of any couplet'}
बस इसी सोच में यह शेर लिख दिया हमने |
-08th of February,2001
{I am very fond of this one.Somethings just can't get any better.This one is also just too perfect.Love this couplet.}
{अब मौजू अर्थात 'विषय' or 'Topic',
और मिसरा के मानी होते हैं 'किसी भी अश्-आर(शेर) की एक पंक्ति' i.e. 'One of the lines of any couplet'}
वैभव बख़्शी जी,
आपका ब्लॉग पहली बार देखा। आपने तो बहुत कुछ लिख रखा है। आपका ब्लॉग हिन्द-युग्म से जोड़ा जा रहा है। आप इसे देखिए, आपकी रुचि का लगे तो ज़रूर भाग लीजिएगा।
क्या बात है जनाब आप तॊ गजब ढा रहे हैं। लगे रहिए हमारी शुभकामनांए